भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस की 77वीं वर्षगांठ,15 अगस्त, के अवसर पर देश को संबोधित किया। अपने लगभग 90 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की विभिन्न योजनाओं और उपलब्धियों का ज़िक्र किया। उपलब्धियां गिनाते-गिनाते पीएम मोदी इतना आगे चले गए कि 2024 में अपनी सरकार फिर से बनने का सपना देखने लगे। अपनी पीठ स्वयं थपथपाते हुए उन्होंने कहा कि “बदलाव का वादा मुझे यहाँ ले आया, मेरा प्रदर्शन मुझे फिर यहाँ ले आया…और अगली बार 15 अगस्त को इसी लाल किले से मैं आपको देश की उपलब्धियां, आपके सामर्थ्य, आपके संकल्प उसमें हुई प्रगति, उसकी जो सफलता है, उसके गौरवगान उससे भी अधिक आत्मविश्वास के साथ आपके सामने प्रस्तुत करूंगा।”
प्रधानमंत्री का भाषण इतना अर्थहीन कैसे हो सकता है?
- विमर्श
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- 29 Mar, 2025

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बार 15 अगस्त पर लाल किले से जो भाषण दिया, तमाम बुद्धिजीवी अभी भी अपने हिसाब से उसकी व्याख्या कर रहे हैं। स्तंभकार वंदिता मिश्रा का नजरिया भी पढ़िएः