जिस समय अमेरिकी राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति  और सीनेट साइबर सिक्योरिटी और आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स को लेकर तनाव में है और अपने देश की तमाम टेक कंपनियों के सीईओ से बातचीत और विमर्श में है तब भारत में प्रधानमंत्री और उनकी पूरी सरकार चुनावी मोड से ही बाहर निकलने को तैयार नहीं। टेक्नोक्रेट के भरोसे देश की साइबर सिक्योरिटी को छोड़कर सरकार ‘चुनाव-मग्न’ है। भाजपा का आईटी सेल सिर्फ यह बात साबित करने में लगा है कि अडानी समूह की तरफ से कोई धांधली नहीं हुई और यह कि विपक्ष के कद्दावर नेता राहुल गाँधी झूठे हैं। 
क्या सरकारी अदूरदर्शिता से ‘आधार’ औंधे मुँह गिर पड़ा है?
- विमर्श
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 - 29 Mar, 2025

 

आधार का कानून और और आधार की उपयोगिता तो जोर शोर से बताई जाती है लेकिन सरकार में कोई यह नहीं बताता कि सिनेमा हाल और होटलों द्वारा नागरिकों के आधार कार्ड की डीटेल रखना एक अपराध है। मोदी सरकार आधार का दुरुपयोग रोकने में नाकाम हो चुकी है। आप डाटा के रूप में कहां-कहां बिक रहे हैं, आपको मालूम नहीं होगा। वंदिता मिश्रा ने अपने स्तंभ में इस चिन्ता को बताया है।






















