समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट मामले में असीमानंद और बाक़ी अभियुक्तों को एनआईए की अदालत सभी आरोपों से बरी कर देगी, ऐसी संभावना बहुत दिनों से लग रही थी। इसके पीछे कई कारण थे। पहला और सबसे बड़ा कारण तो यही था कि 2014 में देश में नरेंद्र मोदी की सरकार के आने के बाद उन सभी जाँचों को धीमा और कमज़ोर करने की कोशिशें शुरू हो गई थीं जिनमें हिंदूवादी संगठनों से जुड़े लोग अभियुक्त थे।