बर्तोल्त ब्रेख़्त की मशहूर कविता है- 'समाधान'। कविता कुछ इस तरह चलती है- '17 जून के विद्रोह के बाद / लेखक संघ के सचिव ने / स्टैलिनली में पर्चे बंटवाए / जिनमें कहा गया था / लोग सरकार का भरोसा खो चुके हैं / और इसे दुबारा बस दुगुना काम करके / हासिल कर सकते हैं। / ऐसी हालत में क्या ये ज़्यादा आसान नहीं होगा कि / सरकार जनता को भंग कर दे / और दूसरी जनता चुन ले?'
बिहारः सरकार का विश्वास खो चुकी जनता को भंग करने की क़वायद
- विश्लेषण
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- 15 Jul, 2025


Bihar SIR Controversy: बिहार की मतदाता सूची में बदलाव की प्रक्रिया ने लाखों लोगों, खासकर गरीबों और प्रवासियों को मताधिकार से वंचित करने के करीब पहुंचा दिया है। क्या सरकार इसके जरिए जनता को भंग करने पर आमादा है। वरिष्ठ पत्रकार प्रियदर्शन की टिप्पणीः





















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