loader

गुजरात विधानसभा चुनाव: रेवड़ी कल्चर के भरोसे हैं राजनीतिक दल?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के गुजरात दौरे पर हैं। इस दौरान वह 29 हजार करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। गुजरात में कुछ महीने के भीतर विधानसभा के चुनाव होने हैं। प्रधानमंत्री मोदी के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी पिछले कुछ महीनों में कई बार राज्य के अलग-अलग इलाकों का दौरा कर चुके हैं। 

लेकिन गुजरात के चुनाव में तमाम राजनीतिक दलों को देखकर लगता है कि वे रेवड़ी कल्चर के जरिये ही चुनाव में जीत हासिल करना चाहते हैं। 

बताना होगा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्य योजना की अवधि को 3 माह के लिए बढ़ा दिया है। अब यह योजना दिसंबर 2022 तक जारी रहेगी। इस योजना के तहत लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो का अन्न दिया जाता है। 

ताज़ा ख़बरें

यह योजना कोरोना महामारी के दौरान शुरू की गई थी और उसके बाद इसे लगातार बढ़ाया जाता रहा है। 

लेकिन अब जब कोरोना महामारी के कारण बने हालात लगभग सामान्य हो चुके हैं, ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि सरकार ने इस योजना को 3 महीने के लिए और क्यों बढ़ा दिया है। गुजरात के साथ ही हिमाचल प्रदेश में भी विधानसभा के चुनाव होने हैं।

रेवड़ी कल्चर पर बहस 

बताना होगा कि पिछले कुछ महीनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेवड़ी कल्चर को लेकर आम आदमी पार्टी और उसके संयोजक अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला था। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था, “रेवड़ी कल्चर में भरोसा रखने वाले लोग कभी भी आपके लिए नए एक्सप्रेसवे हवाई अड्डे और अन्य सुविधाएं नहीं बनाएंगे। रेवड़ी कल्चर देश के विकास के लिए बहुत घातक है। रेवड़ी कल्चर वालों को लगता है कि जनता जनार्दन को मुफ्त की रेवड़ी बांटकर, उन्हें खरीद लेंगे। हमें मिलकर उनकी इस सोच को हराना है।”

इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने भी उन्हें लगातार जवाब दिए थे और पूछा था कि गरीब और मिडिल क्लास के लाखों बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देना, मुफ्त बिजली-पानी देना क्या रेवड़ियां बांटना है।

Gujarat Assembly Elections 2022 Revdi culture - Satya Hindi
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी अच्छी-खासी बहस हो चुकी है और कुछ दिन पहले कांग्रेस ने गुजरात और हिमाचल प्रदेश में तमाम लोक-लुभावन वादे जनता से किए हैं। दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी भी हिमाचल प्रदेश के साथ ही गुजरात में भी इस तरह के वादे कर चुकी है। 
कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में जहां 300 यूनिट फ्री बिजली, महिलाओं को हर महीने 1500 रुपए देने जैसे वादे किए हैं तो गुजरात में भी 500 रुपए में गैस सिलेंडर देने, किसानों का 3 लाख तक का कर्ज माफ करने, 10 लाख रुपए तक मुफ़्त इलाज देने, उपभोक्ताओं को 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने जैसे बड़े वादे आम जनता से किए हैं।
जबकि आम आदमी पार्टी ने गुजरात की सत्ता में आने पर बेरोजगार युवाओं को 3,000 रुपए प्रति माह भत्ता देने, महिलाओं को 1,000 रुपए मासिक भत्ता देने, हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली जैसे कई वादे किए हैं। 

ऐसे में जब सभी राजनीतिक दल जनता से तमाम लोक-लुभावन वादे कर रहे हैं तो एक बार फिर देश में रेवड़ी कल्चर को लेकर बहस तेज हो सकती है।  

Gujarat Assembly Elections 2022 Revdi culture - Satya Hindi

2017 का विधानसभा चुनाव

2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कांग्रेस से कड़ी चुनौती मिली थी। 2012 में कांग्रेस को जहां 61 सीटें मिली थीं, वहीं 2017  में यह आंकड़ा 77 हो गया था, दूसरी ओर बीजेपी 2012 में मिली 115 सीटों के मुक़ाबले 2017 में 99 सीटों पर आ गयी थी। 

2017 के विधानसभा चुनाव में हालात ऐसे थे कि ख़ुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुजरात में कई चुनावी रैलियां करनी पड़ी थीं और उन्होंने पूरा फ़ोकस गुजरात चुनाव पर कर दिया था।
लेकिन तब अल्पेश ठाकोर और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल का समर्थन कांग्रेस को था लेकिन इस बार यह दोनों नेता कांग्रेस के साथ नहीं हैं। इसके अलावा 2017 के बाद से अब तक लगभग 15 विधायक कांग्रेस का साथ छोड़ चुके हैं इसलिए इस चुनाव में कांग्रेस की स्थिति पिछली बार की तरह मजबूत नहीं दिखाई देती। 

सौराष्ट्र के इलाक़े में तब कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन किया था। इस इलाक़े में पाटीदारों (पटेलों) की अच्छी आबादी है और बड़ी संख्या में पाटीदारों ने बीजेपी के ख़िलाफ़ वोट डाला था। इसके पीछे बड़ा कारण हार्दिक पटेल ही थे। लेकिन इस बार हार्दिक पटेल बीजेपी के साथ आ चुके हैं। 

आप, एआईएमआईएम भी मैदान में

गुजरात में इस बार आम आदमी पार्टी भी चुनाव लड़ रही है और वह कांग्रेस के वोटों में सेंध लगा सकती है। बताना होगा कि केजरीवाल गुजरात के विधानसभा चुनाव के लिए जोर-शोर से तैयारियां कर रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में उन्होंने, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुजरात में कई रोड शो व रैलियां की हैं। 

देश से और खबरें

केजरीवाल ने कुछ दिन पहले कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला था और कहा था कि कांग्रेस को कमजोर करने के लिए क्या राहुल गांधी काफी नहीं हैं। आम आदमी पार्टी सोशल मीडिया पर भी जोरदार प्रचार कर रही है। हालांकि 2022 के विधानसभा चुनाव में उसने पंजाब के अलावा उत्तराखंड और गोवा में भी जोर-शोर से चुनाव लड़ा था लेकिन उत्तराखंड में वह एक भी सीट नहीं जीत सकी जबकि गोवा में उसे सिर्फ 2 सीटें मिली थी। 

इसके अलावा असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम भी मुसलिम मतदाताओं की अधिकता वाली कुछ सीटों पर चुनाव लड़ेगी। माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम गुजरात में कांग्रेस के वोटों में सेंध लगा सकते हैं। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें