चुशुल-मोल्डो सीमा पर चीनी इलाके में भारत-चीन के दरम्यान दसवें दौर की बातचीत की अहमियत दो वजहों से है। पहली वजह है कि यह बैठक दोनों देशों के बीच नौवें राउंड की बातचीत में हुए समझौते के लागू हो जाने की पुष्टि है। समझौते में यह तय था कि दोनों ओर से डिसइंगेजमेंट (सेना की वापसी) प्रक्रिया पूरी होने के बाद 48 घंटे के भीतर अगले दौर की बातचीत होगी।
दसवें दौर की बैठक में चीन को दबाव में रख पाएगा भारत?
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- 20 Feb, 2021

दसवें दौर की बैठक महत्वपूर्ण तो है लेकिन इस चिंताजनक सवाल के साये में भी है कि क्या भारत ने पैंगौंग के दक्षिण में अपनी उस मजबूत पोजिशन को छोड़ दिया है जिसे पिछले साल अगस्त के महीने में सैनिकों ने बहादुरी से हासिल किया था?
दूसरी महत्वपूर्ण वजह पर भी गौर करें। पैंगौंग त्सो लेक के दक्षिण में अपने ही इलाके में जिन चोटियों पर भारत ने अगस्त 2020 में अपनी पोजिशन मजबूत की थी और जहां से मोल्डो गैरिसन व आसपास के चीनी इलाकों को निशाने पर ले रखा था, उसी इलाके में यानी मोल्डो में यह बैठक हो रही है।