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अमेरिका में रहने वाले मणिपुर के लोगों का प्रदर्शन।

यूएस में पीएम मोदी के खिलाफ प्रदर्शन, मणिपुरी अमेरिकन नागरिक भी शामिल

अमेरिका में पीएम मोदी के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। भले ही भारतीय मीडिया इसे रिपोर्ट नहीं कर रहा है लेकिन रॉयटर्स जैसी न्यूज एजेंसी, अमेरिकी अखबार और सोशल मीडिया पर वहां के प्रदर्शन के फोटो छाए हुए हैं। सत्य हिन्दी पर रॉयटर्स की खबर को इस सिलसिले में देखा जा सकता है। यह बात सबसे महत्वपूर्ण है कि अमेरिका में रहने वाले मणिपुर अमेरिकी लोगों ने भी अलग से प्रदर्शन किया है। प्रदर्शनकारियों ने पीएम मोदी पर मणिपुर को आग में झोंकने का आरोप लगाया है।
Protest against PM Modi in US, including Manipuri American citizens - Satya Hindi
न्यूयॉर्क में शॉपिंग मॉल के बाहर का फोटो
ऊपर लगा यह फोटो न्यूयॉर्क है। जहां वाहनों पर इस तरह के पोस्टर और बैनर लगा कर घुमाया गया। अमेरिका में इस तरह का प्रदर्शन होता है। और काफी लोकप्रियता हासिल है। इन पर क्राइम मिनिस्टर ऑफ इंडिया लिखा हुआ है।
Protest against PM Modi in US, including Manipuri American citizens - Satya Hindi
बैनरों में उमर खालिद समेत तमाम राजनीतिक कैदियों के फोटो हैं।
भारत के राजनीतिक बंदियों का मामला भी कई पोस्टर और बैनरों में उठाया गया है। इसमें छात्र नेता रहे उमर खालिद प्रमुख हैं। ऐसे ही एक पोस्टर और होर्डिंग में राष्ट्रपति जो बाइडेन से कहा गया है कि वो भारत के प्रधानमंत्री से क्यों नहीं पूछते कि छात्र नेता और एक्टिविस्ट उमर खालिद पर बिना मुकदमा चलाए 1000 दिनों से भी ज्यादा क्यों जेल में रखा गया है।
Protest against PM Modi in US, including Manipuri American citizens - Satya Hindi
मणिपुर के लोगों का अमेरिका में प्रदर्शन
अमेरिका में रह रहे मणिपुर के लोगों ने अलग से प्रदर्शन किया। इसमें मणिपुर पर पीएम मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया गया है। यह प्रदर्शन कुकी आदिवासी समुदाय के परिवारों का है। जिसमें वे मांग कर रहे हैं, हमें भी मणिपुर में रहने का मौका दिया जाए। मणिपुर के कुकी लोगों का अमेरिका में प्रदर्शन बहुत मायने रखता है। पहली बार इस समुदाय ने इस तरह के प्रदर्शन में हिस्सा लिया है।
Protest against PM Modi in US, including Manipuri American citizens - Satya Hindi
प्रेस की आजादी का मुद्दा भी उठा।
अमेरिका के तमाम पत्रकार संगठनों और मानवाधिकार संस्थाओं ने भारत में प्रेस की आजादी खतरे में पड़ने का मुद्दा उठाया है। प्रमुख अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने वहां की 8 मीडिया संस्थाओं की अपील प्रकाशित की है। इस संबंध में जारी एक पोस्टर में उन पत्रकारों को दिखाया गया है जो भारत की विभिन्न जेलों में कैद हैं या नजरबंद हैं। 
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क़मर वहीद नक़वी
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