जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती पर पब्लिक सेफ़्टी एक्ट यानी पीएसए लगाया गया है। महबूबा मुफ़्ती ने पीएसए का ऑर्डर मिलने की पुष्टि की है। यह क़ानून उनके अलावा पीडीपी और नेशनल कॉन्फ़्रेंस के दो अन्य नेताओं पर भी लगाया गया है। पीएसए एक सख़्त क़ानून है और इसके तहत किसी भी व्यक्ति को गिरफ़्तार किया जा सकता है और बिना किसी ट्रायल के दो साल तक जेल में रखा जा सकता है। सरकार यह क़ानून किसी व्यक्ति पर राज्य की सुरक्षा को ख़तरे का हवाला देकर लगाती है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती पर पब्लिक सेफ़्टी एक्ट यानी पीएसए लगाया गया है। यह क़ानून उनके अलावा पीडीपी और नेशनल कॉन्फ़्रेंस के दो अन्य नेताओं पर भी लगाया गया है।

यह क़ानून काफ़ी पहले से जम्मू-कश्मीर में है, लेकिन पिछले साल ही इसे पूरे देश में लागू किया गया है और तब इस पर काफ़ी विवाद हुआ था। कहा गया था कि यह क़ानून सरकार को अपने ही लोगों के ख़िलाफ़ असीमित अधिकार देता है और इससे राज्य के ख़तरे के नाम पर लोगों की आज़ादी कभी भी छीनी जा सकती है। यह इसलिए कि व्यक्ति दो साल तक कहीं कोई अपील भी दायर नहीं कर सकता।