मध्यप्रदेश के स्थानीय निकाय चुनावों में हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के सात पार्षद चुनाव जीत गए हैं। इसे मध्य प्रदेश की राजनीति में ओवैसी और उनकी पार्टी की धमाकेदार एंट्री माना जा रहा है। राजनीतिक हलकों में अब यह चर्चा शुरू हो गई है कि अगले साल मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी और उनकी पार्टी क्या गुल खिलाएगी?
क्या एमपी में विधानसभा चुनाव के नतीजों को प्रभावित कर पाएंगे ओवैसी?
- मध्य प्रदेश
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- 21 Jul, 2022

मध्य प्रदेश के स्थानीय निकाय के चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के सात पार्षदों की जीत के मायने क्या हैं? क्या अब विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी बड़ी खिलाड़ी बनकर उभरेगी?
हालाँकि उन पर कांग्रेस के वोट काट कर बीजेपी को फायदा पहुँचाने का भी आरोप लग रहा है। इससे पहले उन पर ऐसे ही आरोप बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के चुनाव में लग चुके हैं। हालाँकि बिहार को छोड़कर किसी भी राज्य में ओवैसी की पार्टी एक विधानसभा सीट नहीं जीत पाई। लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज्यों के विधानसभा चुनाव में उनकी मौजूदगी से बीजेपी को जबरदस्त फायदा हुआ है। यही कहानी मध्यप्रदेश में भी दोहराई जा सकती है।