नर्मदा के जल को लेकर मध्य प्रदेश की कमलनाथ और गुजरात की विजय रूपाणी सरकार एक बार फिर आमने-सामने है। नर्मदा से अतिरिक्त जल देने की गुजरात की माँग को मध्य प्रदेश ने सिरे से ठुकरा दिया है। मध्य प्रदेश सरकार के इनकार के बाद गुजरात सरकार ने केंद्रीय नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण का दरवाजा खटखटाया है।
बता दें कि, नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण ने चार राज्यों में जल बंटवारे को लेकर 1979 में एक फ़ैसला दिया था। नर्मदा बेसिन में 28 मिलियन एकड़ फ़ीट पानी को आधार बिन्दु बनाकर न्यायाधिकरण ने यह फ़ैसला दिया था। फ़ैसले के अनुसार, नर्मदा के कुल 28 मिलियन एकड़ फ़ीट पानी में मध्य प्रदेश की 18.25 मिलियन एकड़ फ़ीट, गुजरात की 9, राजस्थान की 0.50 और महाराष्ट्र की 0.25 प्रतिशत मिलियन एकड़ फ़ीट की हिस्सेदारी सुनिश्चित की गई थी।
नर्मदा के पानी को लेकर एक बार फिर आमने-सामने आए मप्र-गुजरात
- मध्य प्रदेश
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- 15 Jun, 2019

नर्मदा के जल को लेकर मध्य प्रदेश और गुजरात सरकार एक बार फिर आमने-सामने है। नर्मदा से अतिरिक्त जल देने की गुजरात की माँग को मध्य प्रदेश ने सिरे से ठुकरा दिया है।