महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ मुख्यमंत्री की कुर्सी के मुद्दे पर चले सियासी घमासान के बाद कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाने वाली शिवसेना का यह फ़ैसला राजनीतिक विश्लेषकों के साथ ही आम लोगों को काफी अख़रा था। कारण साफ था कि शिवसेना और कांग्रेस की विचारधारा कहीं से भी मेल नहीं खाती। दूसरी ओर, कांग्रेस चूँकि राष्ट्रीय पार्टी है, इसलिए एकदम विपरीत विचारधारा वाली शिवसेना के साथ सरकार बनाने का फ़ैसला करना उसके लिए क़तई आसान नहीं था। इसलिए, कांग्रेस ने शिवसेना के साथ जाने से उसे क्या सियासी नफ़ा-नुक़सान हो सकता है, इस पर काफ़ी समय तक विचार भी किया।