ग़ैर-भाजपाई विचारधारा वाले दलों से चुनिंदा नेताओं को बीजेपी में शामिल कर विपक्षी सरकारों को गिराने या चुनाव जीतने की कोशिशों पर जताई जाने वाली नाराज़गी और नज़रिए में थोड़ा सा बदलाव कर लिया जाए तो जो चल रहा है उसे बेहतर तरीक़े से समझा जा सकता है। भारतीय जनता पार्टी में सरकार के स्थायित्व को लेकर इन दिनों जैसी राजनीतिक हलचल दिखाई पड़ रही है वैसी पहले कभी नहीं दिखाई दी। अटल जी भी अगर दल-बदल करवाकर पार्टी के सत्ता में बने रहने के मोदी-फ़ार्मूले पर काम कर लेते तो 2004 में उनकी सरकार न सिर्फ़ फिर से क़ायम हो जाती, दस साल और बनी रहती।