अब तालाबंदी में ढील की घोषणा तो हो गई लेकिन ज़मीनी असलियत क्या है? लोगों में मौत का डर इतना गहरा बैठ गया है कि कारखानेदार, दुकानदार और बड़े अफ़सर अपने कर्मचारियों को अपने दफ्तरों में बुला रहे हैं लेकिन वे आने को ही तैयार नहीं हैं। चंडीगढ़ में हरियाणा सरकार के ऊँचे अफ़सर अपनी-अपनी कुर्सी पर कल आ बैठे लेकिन बाबू लोग ग़ायब हैं। नागरिक भी आस-पास नहीं दिखाई पड़ रहे हैं।