क्या आप यह सोच सकते हैं कि जो खिलाड़ी देश के इतिहास में सबसे बड़ा गेंदबाज़ है, उसे भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है? ऐसा भारत में ही संभव है। आर. अश्विन निर्विवाद रूप से आँकड़ों के लिहाज़ से भारत में पैदा हुए अबतक के सभी खिलाड़ियों से न केवल बड़ा है बल्कि मीलों आगे है। जी हाँ, यह सच है। अश्विन ने अनिल कुंबले, हरभजन सिंह, बिशन सिंह बेदी, प्रसन्ना, चंद्रशेखर, कपिल देव, वीनू मांकड, ग़ुलाम अहमद, ज़हीर खान, जैसे महान खिलाड़ियों को पीछे छोड़ दिया है। यह वह खिलाड़ी है जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को सम्मान दिलाया। भारत के लिए मैच जीते।

अश्विन (फ़ाइल फ़ोटो)
अश्विन का प्रदर्शन कैसा रहा है ये आँकड़े ही बताते हैं। मुरलीधरन और अश्विन ने 350 विकेट के लिए 66 टेस्ट खेले। अगर मुरलीधरन ने इतने विकेट लेने के लिए 21632 गेंदें फेंकीं तो अश्विन ने 18685 फेंक कर इतने ही विकेट चटका दिए। हैडली और डेल स्टेन ने 350 विकेट के लिये 69 टेस्ट, लिली ने 70, मैक्ग्रा ने 74, मार्शल और रंगना हेरात ने 75 टेस्ट खेले। भारतीय खिलाड़ियों से तुलना करें तो आँकड़े अश्विन को और बड़ा बना देते हैं। कुंबले ने 77, हरभजन ने 83 और कपिल देव ने 100 टेस्ट खेले।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।