राहुल गाँधी अपनी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के चलते असम राज्य से गुजर रहे हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमन्त बिस्व सरमा हैं। सरमा एक समय काँग्रेस के नेता थे और राज्य के तमाम उच्च पदों पर रहे। उच्च पद अपने साथ भ्रष्टाचार की बहार लेकर आया और 2014 में केन्द्रीय सत्ता में आई मोदी सरकार ने सरमा के भ्रष्टाचार के कच्चे-चिट्ठों को खोलना शुरू कर दिया, शायद सरमा उन्हीं को बंद करवाने के लिए 2015 में अमित शाह की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हो गए। शामिल होते ही सारे भ्रष्टाचार मानो काल के गर्त में समा गए। 2021 में इन्हीं सरमा को भाजपा ने 2021 में असम का मुख्यमंत्री बना दिया।
राहुल की भारत यात्रा क्या वैकल्पिक राजनीति का आख्यान लिख पायेगी?
- विचार
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- 24 Jan, 2024

राहुल गाँधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा क्या एक राजनीतिक यात्रा भर है या यह देश के भविष्य के लिए एक अहम लड़ाई? राहुल का आख़िर इस यात्रा का मक़सद क्या है?
सरमा अब नए ‘हिन्दुत्व बॉय’ की छवि में दिखने लगे। भाजपा में शामिल होते ही सरमा पार्टी के प्रमुख ‘विचारक’ भी हो गए। आए दिन मुस्लिमों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करना उनका रोजमर्रा का काम हो गया। उनकी बातचीत और भाषणों में हिंसा महकने लगी, कभी एक धर्म के खिलाफ तो कभी कांग्रेस के खिलाफ। लेकिन 2023 में मध्य प्रदेश में चल रहे चुनावी प्रचार के दौरान जो उन्होंने कहा वो, उनका अबतक का सबसे निम्न स्तर था। सितंबर 2023 को इंडियन एक्सप्रेस में छपी ख़बर के मुताबिक़, सरमा ने “पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को चुनौती दी कि यदि वे वास्तव में हनुमान भक्त हैं तो जिस तरह हनुमान ने लंका को आग लगाई थी, उसी तरह ‘10-जनपथ’ को आग लगा दें”। 10-जनपथ, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गाँधी का आवास है। सोनिया गाँधी, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी की पत्नी हैं जो भारत के लिए शहीद हो गए थे। सरमा ने अब हद पार कर दी थी।