मणिपुर में शांति बहाली की राह क्या इतनी आसान है? आख़िर आगजनी और मुठभेड़ की ख़बरें क्यों आ रही हैं? मणिपुर के सेरोऊ इलाके में सुरक्षा बलों और विद्रोहियों के एक समूह के बीच 5-6 जून की दरमियानी रात हुई गोलीबारी में असम राइफल्स के दो जवान घायल हो गए। एक जवान शहीद हो गया। इसके साथ ही मणिपुर के काकचिंग जिले के सुगनू में ग्रामीणों ने एक खाली हुए शिविर में आग लगा दी। इस शिविर में यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट यानी यूकेएलएफ के उग्रवादियों ने शरण ली थी। यह अकेला शिविर नहीं है जिसमें आगजनी की घटना हुई है। ग्रामीणों का यह हमला तब हुआ है जब काकचिंग जिले के सुगनू में कांग्रेस विधायक के रंजीत के घर सहित क़रीब 100 खाली पड़े घरों को जलाने की घटना हुई थी। खाली घर इसलिए हैं क्योंकि हिंसा के दौरान लोग घरों को खाली कर राहत शिविरों या सुरक्षित जगहों पर चले गए हैं।