दुनिया भर में महंगाई बढ़ रही है और इसका असर राजनीति पर भी पड़ रहा है। जानिए, आख़िर अमेरिका कैसे निपट रहा है और ब्रिटेन के दो प्रधानमंत्रियों ने कैसे निपटने की कोशिश की। भारत इनसे सबक़ लेगा?
क्या गुजरात चुनाव में इस बार बीजेपी की हालत ख़राब है? क्या कांग्रेस और आम आदम पार्टी बीजेपी के लिए कड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं? जानिए, प्रधानमंत्री मोदी के आज के बयान के मायने क्या हैं।
स्पेनिश फ्लू हो या विश्व युद्ध, जब भारत में जनगणना का काम तब नहीं रुका तो कोरोना को कारण बता अब इसे क्यों रोका गया है? 2019 में तय समय पर जनगणना कार्य क्यों शुरू नहीं हुआ तब तो कोरोना आया ही नहीं था?
उत्तर प्रदेश में अपने दूसरे कार्यकाल में क्या योगी आदित्यनाथ के हाथ बांधने की कोशिश मोदी और शाह ने की है? क्या मंत्रिमंडल के गठन में योगी आदित्यनाथ की नहीं चली?
उत्तर प्रदेश का चुनावी मुकाबला बेहद रोमांचक हो गया है। अखिलेश यादव ने इस चुनावी लड़ाई को आमने-सामने का बना दिया है। देखना होगा कि उत्तर प्रदेश में तमाम जातियां किस तरह वोट करती हैं।
टीकाकरण की अव्यवस्थाओं को दूर करने की प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की है तो क्या खेती सम्बन्धी तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आन्दोलन के सन्दर्भ में भी क्या ऐसा होगा?
नई ऑटोमोबाइल नीति के ज़रिए सरकार जो खेल खेल रही है या खेलने जा रही है, उसके आगे बैंक की बचत पर सूद घटाना बहुत छोटा फ़ैसला लगता है। नई ऑटोमोबाइल नीति तो सीधे-सीधे बड़ी ऑटो कम्पनियों की जेब भरने वाली है।
अमेरिका की संस्था, केटो इंस्टीट्यूट और कनाडा की संस्था फ्रेजर इंस्टीट्यूट द्वारा जारी दुनिया के 162 देशों की रैंकिंग में भारत की आज़ादी को ‘आधी’ बता दिया गया है और उसकी रैंकिंग 94वें स्थान से गिरकर 111 स्थान पर आ गई है।
‘शताब्दी में ख़ास बजट’ कहकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने जो वित्त विधेयक पेश किया उसमें किसी क़िस्म के ग़रीब समर्थक, किसान समर्थक, महिला समर्थक और गांव समर्थक दिखावे की भी ज़रूरत नहीं दिखी। आख़िर क्या था बजट में।