विदेश से लौटते ही पीएम मोदी शनिवार को सीधे बेंगलुरु में इसरो संस्थान पहुंचे और चंद्रयान 3 की सफलता के लिए वैज्ञानिकों को बधाई दी। पीएम मोदी का यह पूरा कार्यक्रम भव्य इवेंट में बदल गया। उन्होंने इस मौके पर कई घोषणाएं कीं और रोडशो भी किया। रोडशो का अंदाज एकदम चुनावी था।
भारत चांद पर पहुँच गया। चंद्रयान-3 बुधवार शाम को चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतर गया। बिल्कुल तय रूप से ही यह अभियान सफल रहा। जानिए, इस सफलता के पीछे किसका हाथ।
चंद्रयान-3 से देश ही नहीं दुनिया भर के लोगों को काफ़ी उम्मीदें हैं। इन उम्मीदों के पीछे वजह भी है। जानिए, आख़िर इन उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए इस बार सुरक्षा के क्या-क्या इंतज़ाम किए गए हैं।
चंद्रयान 3 की सफलता भारत के अंतरक्षि मार्केट में निवेश लाएगी। अभी तक अमेरिका में ही प्राइवेट कंपनियां अंतरिक्ष मार्केट में निवेश के लिए जानी जाती हैं। तो यह सफलता पैसे के मद्देनजर से भी महत्वपूर्ण होगी। फिलहाल उम्मीद कायम है। बुधवार 23 अगस्त को इतिहास बनना तय है।
भारत की अंतरिक्ष एजेंसी ISRO चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान 3 उतारने की कोशिश कर रही है। यह एक ऐसा मिशन है जो भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं को आगे बढ़ा सकता है। चांद पर पानी और बर्फ के बारे में नई खोज कर सकता है। चांद पर पानी इसके सबसे कीमती संसाधनों में से एक हो सकता है।
चंद्रयान 3 को बुधवार 23 अगस्त को चंद्रमा पर उतरना है। लेकिन इसरो का यह भी कहना है कि 'लैंडिंग के संबंध में निर्णय लैंडर मॉड्यूल की स्थिति और चंद्रमा की स्थितियों के आधार पर लिया जाएगा। लैंडिंग की तारीख बदल भी सकती है।
चंद्रयान-3 अब अपने चांद मिशन के करीब है। इसरो ने रविवार को कहा कि लैंडर विक्रम बुधवार को चंद्रमा के अज्ञात दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश करेगा।
भारत के अंतरिक्ष विज्ञान को गुरुवार 17 अगस्त को उस समय बड़ी सफलता मिली जब मुख्य यान से लैंडर विक्रम सफलतापूर्वक अलग हो गया। उम्मीद है कि 23 अगस्त को चंद्रयान 3 चंद्रमा पर उतरेगा।