एक ऐसे समय में जब राजनीति का मक़सद किसी भी तरह से सत्ता हासिल करना रह गया हो और समाज में सब तरफ़ पैसे की ताक़त का बोलबाला हो, महात्मा गांधी के विचार आज कितने प्रासंगिक हैं?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, डॉ. भीमराम आंबेडकर, सुभाषचंद्र बोस, विस्मिल, जैसे महापुरुषों को याद किया।
14 नवंबर को जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिवस पर उनको कैसे याद किया जाएगा? वह भारत को लेकर क्या सोचते थे, 'ट्रिस्ट विद डेस्टिनी' में उनके विचार सामने आए थे। जानिए 14 अगस्त की रात को उन्होंने क्या भाषण दिया था।
पर क्या आज़ादी के चौहत्तर साल के बाद भारतीय लोकतंत्र गांधी की कसौटी पर खरा उतरा है? क्या भारत लोकतंत्र के उस विज्ञान को विकसित कर पाया है जिसकी कामना गांधी ने की थी?
14 अगस्त की वह ऐतिहासिक रात जब ब्रिटिश साम्राज्य का झंडा यूनियन जैक भारत में आख़िरी बार उतारा गया और जवाहर लाल नेहरू ने 'ट्रिस्ट विद डेस्टिनी' का भाषण दिया।
उनकी वजह से और जवाहलाल नेहरू न होते तो हिंदुस्तान का सत्यनाश पहले दिन से हो जाता। यह तो उनके प्रधानमंत्री काल के वह 17 साल हैं जिसने मॉडर्न इंडिया को बचाए रखा है। यह कहना है लेखक इश्तियाक अहमद का।
आज़ादी की लड़ाई में जीवन के 9 साल ब्रिटिश जेलखाने के अंदर बिताने वाले नेहरू ने लगातार 17 साल प्रधानमंत्री रहते हुए देश में विज्ञान, शोध और तर्कवाद की ज़मीन सींची।
नेहरू की पुण्यतिथि पर सोशल मीडिया ने जिस अंदाज में उन्हें याद किया वह हैरान करने वाला था .वजह पिछले कुछ वर्षों में नेहरू पर हमला तेज होता रहा है .इसी मुद्दे पर आज की जनादेश चर्चा में बातचीत राजनीतिक टीकाकार और लेखक विभूति नारायण राय से
प्रो. पुरुषोत्तम अग्रवाल की नयी पुस्तक ‘कौन हैं भारत माता?’ पर विस्तार से चर्चा हुई। उन्होंने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के सम्बंध में मिथकों को तोड़ने, सत्य को उभारने और प्रकाश को सही जगह डालने की भरपूर कोशिश की है।
भारत के चार ख़ास प्रधानमंत्री किसी जाति, संप्रदाय, मज़हब, भाषा या वर्ग-विशेष के प्रतिनिधि नहीं थे। वे संपूर्ण भारत के प्रतिनिधि थे। वे प्रधानमंत्री थे, प्रचारमंत्री नहीं थे। वे प्रधानसेवक थे, प्रधानमालिक नहीं थे। वे सर्वसमावेशी थे, वे सर्वज्ञ नहीं थे।
आरएसएस यह प्रचारित क्यों करता रहा कि नेहरू ने अनुच्छेद 370 देश पर थोपा था और उनके गृह मंत्री पटेल इसके ख़िलाफ़ थे? क्या यह सच है? जानिए, दस्तावेज़ों में संघ के दावे कितने सही।