मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान क्या मैदान में उतरने की हिम्मत दिखायेंगे? क्या वे मोदी-शाह की जोड़ी से दो-दो हाथ कर पायेंगे? सीएम न बनाये जाने से दुःखी समर्थक लाड़ली बहनें एवं भांजे-भांजी वोटर शिवराज सिंह को कितने दिन याद रखेंगे? ऐसे अनेक सवाल मध्य प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में गूंज रहे हैं। जानिएः
मध्य प्रदेश की राजनीति को पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने पूरी तरह बदल दिया है। एमपी चुनाव का संचालन इन दोनों नेताओं ने अपने हाथ में ले लिया है और अपने विश्वस्त लोगों को चुनाव मैदान में उतार दिया है। इसका स्पष्ट संकेत है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब मार्गदर्शक मंडल में जाने वाले हैं।
मध्य प्रदेश भाजपा में वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं की कथित उपेक्षा से जुड़ा असंतोष थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के बाद...मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यसभा सदस्य एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा ने भी अपना दर्द खुलकर बयां किया है।
क्या भाजपा में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश के सबसे मजबूर नेता बन गए है। क्योंकि उन्हें अपने कट्टर राजनीतिक शत्रुओं के सामने नतमस्तक होना पड़ रहा है। राकेश अचल मध्य प्रदेश की राजनीति के बारे में बता रहे हैंः
मध्य प्रदेश में जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे जातीय और धार्मिक हिंसा के मामले बढ़ रहे हैं। सीधी कांड के बाद अब ग्वालियर में मुस्लिम युवको को मार पीट कर उससे तलवे चटवाए गए हैं।
राजनीति में सब करना पड़ता है। यह कहावत उस समय चरितार्थ हो गई जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी ही पार्टी के नेता प्रवेश शुक्ल की घृणित हरकत पर उस परिवार से माफी मांगी और आदिवासी युवक के पिता के पैर भी धोए। प्रवेश शुक्ला ने आदिवासी युवक के सिर पर पेशाब कर दिया था।
मध्य प्रदेश के सीधी में आदिवासी युवक पर पेशाब करने की घटना छोटी नहीं है। राकेश अचल की टिप्पणी है कि बेशक पीएम मोदी और सीएम शिवराज आदिवासियों के साथ भोजन कर लें, उन्हें गले लगा लें, लेकिन सामंती मानसिकता कहां बदलती है। यह घटना उसी का नतीजा है।
मध्य प्रदेश में आदिवासी विक्षिप्त युवक पर पेशाब करने वाले भाजपा नेता को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके ऊपर एनएसए भी लगा दिया गया है। उसके घर पर बुलडोजर भेजने की तैयारी है।
मध्य प्रदेश भाजपा से नेताओं के कांंग्रेस में जाने का सिलसिला जारी है। पीएम मोदी अब खुद 27 जून से अपना दौरा शुरू कर रहे हैं। एक तरह से एमपी चुनाव की कमान पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संभालने जा रहे हैं। लेकिन क्या एमपी में मोदी मैजिक काम कर पाएगा।
चुनाव कर्नाटक में हो रहे हैं। पीएम मोदी वहां जय बजरंग बली बोल रहे हैं लेकिन उसकी प्रतिक्रिया आरएसएस से जुड़ा संगठन बजरंग दल दूसरे राज्यों में दे रहा है। कई राज्यों में बजरंग दल ने जहां प्रदर्शन किए, वहीं मध्य प्रदेश में कांग्रेस के दफ्तर पर हमला कर दिया।
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने महिलाओं के कपड़ों को लेकर बहुत भद्दी टिप्पणियां की हैं। महिलाएं भाजपा से माफी की मांग कर रही हैं। भाजपा के कई नेता अपने विवादास्पद बयानों के लिए जाने जाते हैं।
इंदौर के बेलेश्वर महादेव मंदिर में हुए हादसे की पड़ताव एनडीटीवी ने की है और दस्तावेजों के हवाले से बताया है कि पूरा मंदिर क्षेत्र अवैध है। नगर निगम ने जब कार्रवाई की कोशिश की तो धार्मिक भावनाएं भड़कने की चेतावनी दी गई और एक्शन रोक दिया गया। अगर यह लापरवाही न होती तो 36 बेशकीमती जानों को बचाया जा सकता था।