आईएसआई अब पाकिस्तान में भी विवादों के घेरे में है। पाकिस्तान की सत्तारूढ़ पार्टी पीएमएल-एन की सीनियर वाइस प्रेसीडेंट मरियम नवाज शरीफ ने आईएसएसआई के पूर्व चीफ का हाथ पेशावर मसजिद धमाकों के पीछे बताया है।
पड़ोसी देश पाकिस्तान से अच्छी खबरें नहीं हैं। महंगाई चरम पर है। कभी पूरे देश में बिजली कई घंटे के लिए चली जाती है। शहरों में सरकार विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं। विपक्ष के नेता इमरान खान की लोकप्रियता सरकार के मुकाबले बहुत ज्यादा है।
पाकिस्तान के वज़ीर-ए-आज़म शाहबाज शरीफ ने गुरुवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक बुलाई और उसमें आर्मी चीफ के लिए लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मुनीर और ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (सीजेसीएससी) के चेयमरैन के लिए लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा के नाम को मंजूरी दे दी।
पाकिस्तान में कहा जाता है कि सत्ता में कोई भी दल हो, चलती तो सेना की है! सरकारों का गठन भी जब सेना की मर्जी से ही होता है तो फिर सेना ही उनको बेदखल क्यों कर देती है?
आख़िर पाकिस्तान में अस्थिरता क्यों है? इमरान ख़ान की सत्ता जाने की प्रमुख वजह क्या थी? सेना और आईएसआई में बदलाव लाने का उनका प्रयास क्या उनको उलटा पड़ गया?
पाकिस्तान में इमरान ख़ान के 'लॉन्ग मार्च' के बाद खलबली मची है। सवाल उठ रहा है कि क्या फिर से पाकिस्तान में अस्थिरता का दौर तो नहीं आएगा? आख़िर ऐसा बार-बार क्यों होता है?
इमरान खान पाकिस्तान की ताक़तवर खुफिया एजेंसी आईएसआई और आर्मी पर लगातार हमला कर रहे हैं। क्या इमरान का हुकूमत के साथ ही आईएसआई और आर्मी से भी टकराव और बढ़ेगा?
पाकिस्तान सरकार के मुखर विरोधी अरशद शरीफ की केन्या में हत्या कर दी गई। अरशद के खिलाफ पाकिस्तान के तमाम शहरों में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होने के बाद उन्होंने पाकिस्तान छोड़ दिया था। सोशल मीडिया पर इस हत्या के लिए पाकिस्तान के जनरल बाजवा को जिम्मेदार बताया गया है।
अब कोरोना महामारी से उपजे संकट के बीच पाकिस्तान के हालात एक बार फिर से करवट लेने लगे हैं। कहा जाने लगा है कि अब इमरान ख़ान चंद दिनों के मेहमान हैं और सेना ने वहाँ तख्तापलट की तैयारी कर ली है।
अटकलें तेज़ हो गई हैं कि फौज पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान से नाराज़ है। कोरोना से से निपटने के मामले में इमरान ख़ान ने जो ढिलाई दिखाई है, उससे ख़फ़ा होकर ही उसने एकतरफा तौर पर लॉकडाउन की घोषणा करके कमान अपने हाथों में ले ली है। ऐसे में क्या तख्ता पलट के लिए उनके ख़िलाफ़ अब माहौल बन चुका है?