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योगी मंत्रिमंडल का विस्तार; 23 मंत्रियों ने ली शपथ, 18 नए चेहरे शामिल

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल का बुधवार को विस्तार कर दिया गया। इसमें 23 मंत्रियों ने शपथ ली। इसमें 18 नए चेहरों को शामिल किया गया है। शपथ लेने वालों में 6 मंत्रियों को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले ही बड़े पैमाने पर इस्तीफ़ों का दौर चला था। मंत्रिमंडल विस्तार से पहले मंगलवार को सरकार, संगठन के बड़े नेता और आरएसएस की समन्वय बैठक हुई थी। माना जाता है कि इसमें मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा की गई थी।

जिन नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है उनमें श्रीराम चौहान, नीलिमा कटियार, अशोक कटारिया, चौधरी उदयभान, अनिल शर्मा, आनंद स्वरूप शुक्ला, सतीश चंद्र द्विवेदी, चंद्रिका उपाध्याय, जीएस धर्मेश, महेश चंद्र गुप्ता, विजय कश्यप, विनय शाक्य, रामनरेश अग्निहोत्री और कमला रानी वरुण शामिल हैं। सभी 23 नए मंत्रियों को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शपथ दिलाई।

सुरेश राणा बने कैबिनेट मंत्री

जिन 23 लोगों को बुधवार को शपथ दिलाई गई है उनमें डॉ. महेंद्र सिंह को ग्राम्य विकास मंत्री, चौधरी भूपेंद्र सिंह को पंचायती राज मंत्री, सुरेश राणा को गन्ना विकास मंत्री, अनिल राजभर को होमगार्ड व पिछड़ा कल्याण मंत्री, उपेंद्र तिवारी को परती व भूमि विकास मंत्री दिया गया है। राम नरेश अग्निहोत्री और कमला रानी वरुण को भी कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है।
बता दें कि बीजेपी विधायक सुरेश राणा का नाम मुजफ्फनगर दंगे में आया था। दंगे के मामले में उनकी गिरफ़्तारी भी हुई थी। 2013 में राणा समेत 9 नेताओं के ख़िलाफ़ वॉरंट जारी हुआ था। सुरेश राणा पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा था। आरोप था कि उन्‍होंने ऐसा भाषण दिया था, जिससे दो समुदायों के लोगों के बीच तनाव पैदा हो। इन्हें ही अब गन्ना विकास मंत्री बनाया गया है।

इन्हें मिला स्वतंत्र प्रभार, राज्यमंत्री का दर्जा

नीलकंठ तिवारी, कपिलदेव अग्रवाल, सतीश द्विवेदी, अशोक कटारिया, श्रीराम चौहान और रवींद्र जायसवाल को स्वतंत्र प्रभार दिया गया है। 

अनिल शर्मा, महेश गुप्ता, आनंद स्वरूप शुक्ला, विजय कश्यप, डॉ. गिर्राज सिंह धर्मेश, लाखन सिंह राजपूत, निलिमा कटियार, चौधरी उदयभान सिंह, चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय, रमाशंकर सिंह पटेल और अजीत सिंह पाल को राज्यमंत्री बनाया गया है। 

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बीजेपी ने खेला राजभर पर दाँव

बीजेपी ने अनिल राजभर को कैबिनेट मंत्री बनाकर राजभर वाला दाँव खेला है। बीजेपी ने जब सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को मंत्री पद से हटाया था तो उसी समय राज्यमंत्री का स्वतंत्र प्रभार देख रहे अनिल राजभर ही ओमप्रकाश राजभर का विभाग देख रहे थे और अब कैबिनेट मंत्री बना कर ओमप्रकाश राजभर का सारा विभाग सौंपा गया है। अनिल राजभर के पिता रामजीत राजभर सपा व बसपा में भी रह चुके हैं। इसके बाद बीजेपी के टिकट से धानापुर व चिरईगांव से विधायक बने थे उसके बाद उनके बेटे अनिल राजभर बीजेपी के टिकट से चुनाव जीत कर विधानसभा पहुँचे है। 

बीजेपी ने राजभर वोटरों के लिए ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा से गठबंधन किया था, लेकिन ओमप्रकाश राजभर के बयानों के चलते बीजेपी से उनका गठबंधन टूट गया था। बीजेपी ने राजभर वोटरों को साधने के लिए अनिल राजभर को कैबिनेट मंत्री बनाया है। बता दें कि जब बीजेपी के साथ ओमप्रकाश राजभर का गठबंधन था तब भी ओमप्रकाश राजभर व अनिल राजभर में एक-दूसरे को पटखनी देने की होड़ मची रहती थी।

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बता दें कि मंगलवार सुबह वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने इस्तीफ़ा दे दिया था। शाम तक सिंचाई मंत्री व वरिष्ठ नेता धर्मपाल ने भी अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया था। राजेश अग्रवाल ने इस्तीफ़े का कारण अपनी 75 पार हो चुकी उम्र को बताया और कहा था कि बीजेपी संगठन के नियमों का अनुपालन करते हुए वह पदत्याग कर रहे हैं। इससे पहले परिवहन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार स्वतंत्रदेव सिंह ने सोमवार को ही इस्तीफ़ा दे दिया था। स्वतंत्रदेव सिंह को प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल, सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा और भूतत्व एवं खनिकर्म राज्यमंत्री अर्चना पांडेय ने भी इस्तीफ़ा दिया था। राजनीति विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अभी से टीम तैयार करने में जुट गई है और इन मंत्रियों से इस्तीफ़ा लिया जाना इसी का हिस्सा है।
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क़मर वहीद नक़वी
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