वैज्ञानिकों ने शोध में दावा किया है कि छोटे कण में भी कोरोना वायरस दूसरों को संक्रमित कर सकता है। यानी कोरोना वायरस सिर्फ़ कोरोना मरीज़ के क़रीबी संपर्क में आने से ही नहीं, बल्कि यह हवा में भी दूर तक संक्रमित कर सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले कह चुका है कि कोरोना वायरस मुख्य रूप से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है जब कोरोना मरीज़ खाँसता, छींकता है या उसकी नाक बहती है।
क़रीबी संपर्क ही नहीं, हवा में भी दूर तक संक्रमित करता है कोरोना: 239 वैज्ञानिक
- दुनिया
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- 6 Jul, 2020
वैज्ञानिकों ने शोध में दावा किया है कि छोटे कण में भी कोरोना वायरस दूसरों को संक्रमित कर सकता है। यानी कोरोना वायरस सिर्फ़ कोरोना मरीज़ के क़रीबी संपर्क में आने से ही नहीं, बल्कि यह हवा में भी दूर तक संक्रमित कर सकता है।

वैज्ञानिकों ने कहा है कि जब कोरोना मरीज़ खाँसता या छींकता है तो इसके साथ मुँह के निकलने वाले बड़े ड्रॉपलेट यानी बड़े कण ही नहीं बल्कि इसके छोटे कण भी दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं। इसे सामान्य भाषा में कहें तो अब तक कहा जाता रहा है कि कोरोना मरीज़ के छींकने पर एक मीटर दूर रहने पर संक्रमण का ख़तरा कम होता है, लेकिन नये शोध के अनुसार, एक कमरे भर की दूरी पर भी साँस लेने वालों को संक्रमित कर सकता है।