दिल्ली का अंबेडकर विश्वविद्यालय लगातार खबरों में बना हुआ है। कारण यह नहीं है कि उसने ज्ञान के किसी क्षेत्र में कोई बड़ी खोज की है। या यह कि उसने कोई नया पाठ्यक्रम बनाया हो। उसकी प्रसिद्धि का कारण है छात्रों और अध्यापकों को निरंतर प्रताड़ित करना। अभी उसने 5 छात्रों को निलंबित किया है। इसके पहले 3 छात्रों को निलंबित किया गया था। इसी बीच अध्यापक कौस्तुभ बनर्जी को कारण बताओ नोटिस दी गई है। उनका अपराध यह है कि उन्होंने आंदोलनकारी विद्यार्थियों के धरने को संबोधित किया था। प्रशासन ने आरोप लगाया है कि प्रोफ़ेसर बनर्जी ने सार्वजनिक व्यवस्था भंग की है और शालीनता, नैतिकता के विरुद्ध आचरण किया है।उन्होंने विश्वविद्यालय के हितों के ख़िलाफ़ काम किया है।
क्यों पतन की तरफ बढ़ रहे हैं हमारे विश्वविद्यालय?
- वक़्त-बेवक़्त
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- 30 Apr, 2025

आंबेडकर यूनिवर्सिटी में असहमति को निशाना बनाते हुए प्रशासन की कार्रवाई अकादमिक स्वतंत्रता और विश्वविद्यालय के पतन के बारे में चिंताएं बढ़ाती है। जाने माने चिंतक अपूर्वानंद बता रहे हैं पूरी बातः



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