मंडल आयोग की रिपोर्ट को लागू कर अन्य पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने का मसला एक बार फिर चर्चा में आ गया है। मराठा आरक्षण को लेकर सुनवाई कर रही उच्चतम न्यायालय़ के पीठ ने इस मसले पर विचार करने का मन बनाया है। दरअसल मंडल रिपोर्ट भले ही विश्वनाथ प्रताप सिंह सरकार ने लागू करने का फ़ैसला किया था, लेकिन उसे अंतिम रूप से इंदिरा साहनी मामले में 1992 में आए उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद लागू किया गया था।
मौजूदा ओबीसी आरक्षण ख़त्म करने की क़वायद चल रही है?
- विश्लेषण
- |
- 9 Mar, 2021
मंडल आयोग की रिपोर्ट को लागू कर अन्य पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने का मसला एक बार फिर चर्चा में आ गया है। मराठा आरक्षण को लेकर सुनवाई कर रही उच्चतम न्यायालय़ के पीठ ने इस मसले पर विचार करने का मन बनाया है।

मंडल कमीशन रिपोर्ट सहित भारत में अब तक के सभी आरक्षणों का प्रमुख आधार सत्ता में उचित हिस्सेदारी न होना रहा है। इसमें यह तर्क दिया जाता रहा है कि जातीय भेदभाव के कारण देश की तमाम जातियों को शासन-प्रशासन और शिक्षा से वंचित रहना पड़ा और उन्हें उचित प्रतिनिधित्व देने की जरूरत है, जिससे देश की बड़ी संख्या में शासन सत्ता से वंचित जातियां भागीदारी पा सकें और इस देश को अपना देश महसूस कर सकें।