विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर लगातार दो दिनों तक झारखंड में बीजेपी की अलग- अलग स्तर पर उम्मीदवारों और नेताओं के साथ हुई समीक्षा बैठक में हार के कई कारण उभर कर सामने आए, उनमें झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) के उम्मीदवारों को मिले वोट चर्चा के केंद्र में रहे। वैसे, जेएलकेएम के संस्थापक और अध्यक्ष, 29 साल के जयराम कुमार महतो ने डुमरी की सीट सत्तारूढ़ जेएमएम से जीती है, लेकिन उनके उम्मीदवारों ने एक दर्जन से अधिक सीटों पर बीजेपी और खासकर उसकी सहयोगी आजसू पार्टी को गहरा ज़ख्म दिया है।
‘टाइगर’ जयराम ने बीजेपी-आजसू को दिया गहरा ज़ख्म?
- झारखंड
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- 2 Dec, 2024


जयराम की सभा में उमड़ी भीड़।
झारखंड विधानसभा चुनावों में बीजेपी-आजसू को आख़िर हार का सामना क्यों करना पड़ा? जानिए, ‘टाइगर’ जयराम के जेएलकेएम ने कितना बड़ा नुक़सान पहुंचाया।
हरियाणा के बाद महाराष्ट्र की जीत, जहां झारखंड में भाजपा के ज़ख्म पर मरहम लगाने का काम भी करे, पर आजसू पार्टी सन्निपात में है। इस हार से उबरना उसके लिए आसान नहीं है। इस चुनाव में आजसू के तीनों विधायकों की हार हुई है। पूछा जा सकता है कि एनडीए और इंडिया ब्लॉक के बीच टसल में जयराम कुमार महतो ने कैसे दखल डाला और किन समीकरणों के दम पर वे एनडीए के लिए परेशानी का सबब बने।


























