गोवा में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। उम्मीद है कि उसकी सरकार बनेगी। ऐसे में सीएम पद को लेकर सवाल हो रहे हैं कि क्या प्रमोद सावंत की जगह विश्वजीत राणे या किसी अन्य को सीएम बनाया जा सकता है।
गोवा के बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता। वहां सबसे बड़ी पार्टी सरकार नहीं बना पाती और कम सीटों वाली पार्टी सरकार बना लेती है। फिलहाल वहां बीजेपी जीत की ओर है। उससे सबसे ज्यादा सीटें मिल सकती हैं। अंतिम नतीजा आने तक गोवा पर संशय बरकरार रहेगा।
कई एग्जिट पोल गोवा में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं दिखा रहे हैं। ऐसी स्थिति में निर्दलीय विधायकों और छोटी पार्टियों के समर्थन की जरूरत होगी और शायद इसीलिए कांग्रेस ने पहले से अपनी तैयारी शुरू कर दी है।
संजय राउत ने आरोप लगाया कि गोवा के अलावा एक और चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश में भी फोन टैपिंग हो रही है। महाराष्ट्र में फोन टैपिंग पर बीते साल काफी बवाल हो चुका है।
उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण और उत्तराखंड व गोवा के लिए शनिवार को चुनाव प्रचार थम गया था और अब मतदाताओं की बारी है। क्या मतदाताओं की परीक्षा में बीजेपी पास कर पाएगी?
गोवा में इस बार बीजेपी और कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी और टीएमसी भी चुनाव मैदान में हैं। इससे यहां का मुकाबला बेहद जोरदार हो गया है। बीजेपी की कोशिश सत्ता में वापसी करने की है।
अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने गोवा विधानसभा चुनाव में सभी उम्मीदवारों से हलफनामे पर दस्तखत क्यों कराए हैं? क्या इससे वोट मिलेंगे या दलबदल की आशंका है?