गुजरात में चुनाव आयोग विवादों के घेरे में है। वहां कांग्रेस विधायक पर हमला किया गया, उन्हें जंगल में छिपकर रहना पड़ा। कलोल में मतदाताओं को डराया धमकाया जा रहा है। लेकिन आयोग मौन है। पूरा ब्यौराः
गुजरात में चुनावी लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही होती रही है। 182 सीटों वाली गुजरात की विधानसभा में मुश्किल से पांच-छह सीटों को छोड़कर बाकी सीटें इन्हीं दो राजनीतिक दलों की झोली में जाती हैं। लेकिन इस बार कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के चुनाव मैदान में आने के बाद मुक़ाबला त्रिकोणीय हो गया है।
गुजरात में गुरुवार शाम को पीएम मोदी का रोड शो अहमदाबाद की सड़कों से उड़कर दूरदर्शन समेत देश के तमाम चैनलों पर छा गया। कई टीवी चैनलों की महिला एंकरों ने इस रोड शो की लाइव कवरेज में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनका जोश देखते ही बनता था। आप भी रोड शो का आनंद लीजिएः
प्रधानमंत्री मोदी का आज गुरुवार 1 दिसंबर को अहमदाबाद में मेगा रोड शो होने वाला है। लेकिन अतीत में मोदी अपने ऐसे रोड शो को लेकर विवाद में रहे हैं। मतदान वाले दिन रोड शो निकालना आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है लेकिन भारतीय चुनाव आयोग अब ऐसे रोड शो को सामान्य सूचना की तरह लेने लगा है। जानिए पूरा विवादः
माना जा रहा था कि मल्लिकार्जुन खड़गे के रावण वाले बयान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव प्रचार के दौरान मुद्दा बनाएंगे और ऐसा ही हुआ। क्या इसका चुनाव में कुछ असर होगा?
चंद्रसिंह राउलजी चुनाव प्रचार के दौरान ओबीसी समुदाय के लिए राष्ट्रीय आयोग बनाने की बात करते हैं और साथ ही आयुष्मान भारत, उज्जवला योजना, स्वच्छ भारत मिशन आदि योजनाओं के बारे में बताते हैं।
बीजेपी 27 साल से गुजरात की सत्ता में है। क्या इस बार वह फिर सत्ता में लौटेगी या फिर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी उसकी राह मुश्किल करेंगे। जानिए मतदान से जुड़े ताजा अपडेट्स।
क्या गृहमंत्री अमित शाह को भी अब यह लगने लगा है कि कट्टरपंथ हर संप्रदाय में दिखने लगा है और यह किसी धर्म विशेष तक सीमित नहीं है? आख़िर उन्होंने क्यों कहा कि कट्टरपंथ एक संप्रदाय तक सीमित नहीं है?
बीजेपी की ओर से नरेंद्र मोदी को कांग्रेस नेताओं के द्वारा दी गई गालियों की पैकेजिंग करके गुजरात के लोगों के सामने पेश किया गया है। इन गालियों को सुनाने का मकसद क्या है? नरेंद्र मोदी को गुजरात का बेटा बताते हुए सहानुभूति जुटाना और मतदाताओं का वोट पाना?
गुजरात में बीजेपी को क्या उन बड़े नेताओं की ओर से है भितरघात की आशंका है जिन्हें इस बार उम्मीदवार नहीं बनाया है या पहले भी जिन्हें चुनाव लड़ने से रोका गया था?
गुजरात में कांग्रेस पिछले 27 साल से सत्ता से बाहर है। कहा जा रहा है कि इस बार आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम भी उसके वोटों में सेंध लगा सकते हैं। आम आदमी पार्टी से सिर्फ कांग्रेस को नुकसान होगा या फिर वह बीजेपी को भी नुकसान पहुंचाएगी?