loader

हरियाणा कांग्रेस में घमासान, अशोक तंवर ने पार्टी से दिया इस्तीफ़ा

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ने कांग्रेस से इस्तीफ़ा दे दिया है। तंवर को कुछ ही दिन पहले पार्टी आलाकमान ने अध्यक्ष पद से हटा दिया था। तंवर लंबे समय तक हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे थे और विधानसभा चुनाव के मौक़े पर उनके पार्टी छोड़ने से कांग्रेस को सियासी नुक़सान हो सकता है। 

हरियाणा कांग्रेस में जबरदस्त खींचतान है और इसी वजह से पार्टी को उम्मीदवारों की सूची जारी करने में काफ़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। कुछ ही दिन पहले अशोक तंवर ने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी के आवास के बाहर प्रदर्शन किया था। तंवर ने टिकट बेचने तक के आरोप लगाये थे और भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर जोरदार हमला बोला था। चुनाव से ऐन पहले पद से हटाये जाने के कारण तंवर बेहद ख़फ़ा थे और आख़िरकार उन्होंने पार्टी छोड़ दी। 
ताज़ा ख़बरें
तंवर ने पार्टी हाईकमान को भेजे अपने इस्तीफ़े में कहा है कि पार्टी में ज़मीन पर काम करने वाले और सामान्य परिवार से आने वाले कार्यकर्ताओं का कोई सम्मान नहीं है और पैसा, बाहुबल और धनबल को ही प्रमुखता दी जा रही है। तंवर ने लिखा है कि पिछले कुछ सालों में पार्टी में हावी कुछ स्वार्थी तत्वों द्वारा आंतरिक लोकतंत्र को ख़त्म किया जा रहा है। 

तंवर के इस्तीफ़े पर हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा है कि कांग्रेस ताश के पत्तों की तरह बिखर रही है। 
हरियाणा कांग्रेस के बारे में कहा जाता है कि वहाँ कांग्रेस पाँच गुटों में बंटी हुई है। इनमें से एक गुट ख़ुद हुड्डा का, दूसरा अशोक तंवर का था, तीसरा वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा का, चौथा कांग्रेस विधायक दल की पूर्व नेता किरण चौधरी का और पाँचवा रणदीप सुरजेवाला का है। कहा जाता है कि इसी जबरदस्त गुटबाज़ी के कारण सुरजेवाला को जींद में हुए उपचुनाव में क़रारी हार का सामना करना पड़ा था। 
हरियाणा से और ख़बरें
कांग्रेस में लगातार घमासान चल रहा है और कल ही महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरूपम ने प्रेस कॉन्फ़्रेस कर पार्टी आलाकमान पर गंभीर आरोप लगाये थे। संजय निरुपम ने कहा था कि वह विधानसभा चुनाव के प्रचार में भाग नहीं लेंगे क्योंकि पार्टी को उनकी ज़रूरत नहीं है। महाराष्ट्र में भी कांग्रेस में यह संकट ऐसे समय में आया है जब चुनाव सिर पर हैं और पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने शिवसेना-बीजेपी का दामन थाम लिया है। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

हरियाणा से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें