किसी भी संकट की स्थिति में व्यक्ति-विशेष की विशिष्ट प्रतिक्रियाएँ होती हैं। कुछ व्यक्तियों की प्रतिक्रियाएँ तुरंत ही आनी शुरू हो जाती हैं, तो कुछ लोगों में यह देर से। प्रतिक्रियाएँ भी अलग-अलग रूप में आती हैं। यदि संक्रामक महामारी की स्थिति हो तो उस समय व्यक्तियों में यह भय उत्पन्न हो जाता है कि कहीं उन्हें या उनके परिवार के सदस्यों में यह संक्रमण न हो जाए।