कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा है कि कौवैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण पूरा नहीं हुआ है और सरकार इस टीका को उतारने के बहाने इसका परीक्षण कर लेगी। उन्होंने कहा, 'भारत के लोग गिनीपिग नहीं हैं।'
उच्चतम न्यायालय को कमेटी गठित की सलाह देने वालों ने थोड़ा सा भी उचित नहीं समझा कि कृषि क़ानून का विरोध कर रहे अर्थशास्त्रियों, किसानों, सेना के अधिकारियों व वरिष्ठ नौकरशाहों, कृषि संगठनों में से भी सदस्य शामिल कर लिया जाए।
कृषि क़ानून 2020 के ख़िलाफ़ लगभग डेढ़ महीने से आन्दोलन कर रहे किसान संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट की प्रस्तावित कमेटी के सामने पेश होने और उनसे बात करने से साफ इनकार कर दिया है।
किसानों के प्रदर्शन के बारे में जो बात सरकार के समर्थक सोशल मीडिया पर या छुटभैये नेता इधर उधर बोलते रहे थे वही बात अब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कही है। किसानों के प्रदर्शन में खालिस्तानियों का हाथ होने के आरोप लगाए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने किसान आन्दोलन को देखते हुए कृषि क़ानून 2020 पर एक कमेटी बनाई, कहा कि उसे ऐसा करने का पूरा अधिकार है और किसान संगठनों से कहा है कि यदि वे समस्या का समाधान चाहते हैं तो उन्हें इसके सामने पेश होना ही होगा।
कृषि क़ानूनों पर तात्कालिक रोक और कमेटी गठन के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद भी किसानों ने साफ़ तौर पर कहा है कि वे क़ानून वापस लिए जाने तक दिल्ली से अपने-अपने घरों को नहीं लौटेंगे।
नये कृषि क़ानूनों पर गतिरोध को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के समिति बनाने के सुझाव के बीच किसान ऐसी किसी कमेटी का हिस्सा बनने के पक्ष में नहीं हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने इस मामले में बयान जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जिन नये कृषि क़ानूनों को लेकर केंद्र सरकार को फटकार लगाई है उस फ़ैसला आज आएगा। फ़ैसले पर नज़र इसलिए है कि कृषि क़ानूनों पर रोक लगेगी या नहीं।
सरकार से कोरोना वैक्सीन का क़रार होने के कुछ घंटे बाद ही सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया ने कोविशील्ड की पहली खेप रवाना कर दी है। मंगलवार सुबह क़रीब पाँच बजे वैक्सीन से भरे तीन ट्रक पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट के परिसर से निकले।
केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाइक आज सड़क हादसे में बाल-बाल बच गए। दुर्घटना में नाइक घायल हो गए और उनके साथ यात्रा कर रहीं उनकी पत्नी और निजी सचिव की मौत हो गई।
सोमनाथ भारती सुर्खियों में हैं। इस बार दिल्ली में नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के राय बरेली में। पहले उन पर स्याही फेंकी गई और बाद में उन्हें ही कथित तौर पर आपत्तिजनक बयान देने के लिए गिरफ़्तार कर लिया गया।