क्या भारतीय जनता पार्टी ने जानबूझ कर देश की आर्थिक स्थिति की ग़लत तसवीर पेश की? क्या उसने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पुराने आँकड़ों को मौजूदा आर्थिक स्थिति कह कर पेश किया ताकि वह यह प्रचारित कर सके कि कोरोना के बावजूद देश ज़बरदस्त आर्थिक प्रगति कर रहा है?