कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने के लगभग चार हफ़्ते बाद भी हालात सामान्य नहीं हो सके हैं। घाटी से ऐसी ख़बरें आ रही हैं कि केंद्र के फ़ैसले के ख़िलाफ़ लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हैं, सड़कों पर सार्वजनिक वाहन नहीं हैं और लोगों को दवाइयाँ नहीं मिल पा रही हैं। इसके अलावा कुछ जगहों पर सिर्फ़ लैंडलाइन फ़ोन चालू हैं, मोबाइल सेवा बंद है, इंटरनेट बंद है, स्कूल खुले हैं, लेकिन बच्चों की उपस्थिति लगभग शून्य है? और इस सबके बाद जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल का दावा है कि हालात पूरी तरह सामान्य हैं। लेकिन सवाल यही है कि क्या ऐसे हालात को सामान्य कहा जा सकता है।