वर्ष 2000 में झारखंड अलग राज्य बना था। लगभग डेढ़ दशक तक कई सरकारों के पतन और बार-बार राष्ट्रपति शासन लगने से अलग राज्य के औचित्य पर प्रश्नचिन्ह लगता रहा। लेकिन दिसंबर 2014 में बीजेपी की रघुवर सरकार बनने के बाद राजनीतिक अस्थिरता पर विराम लग गया। दिसंबर 2019 में फिर बड़ा राजनीतिक परिवर्तन हुआ। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनी झामुमो-कांग्रेस सरकार के पास पर्याप्त बहुमत होने के कारण कोई प्रत्यक्ष संकट नहीं दिखता। लेकिन समय-समय पर कांग्रेस और झामुमो दोनों ही पार्टियों के विधायकों के बागी स्वर सुनने को मिले हैं।
क्या अस्थिर होगी हेमंत सरकार?
- झारखंड
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- विष्णु राजगढ़िया
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- 10 Apr, 2022

विष्णु राजगढ़िया
क्या झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार में सबकुछ ठीक नहीं है। कांग्रेस विधायकों में मंत्री के पद को लेकर दरार की ख़बरें क्यों आ रही हैं? क्या सरकार पर कोई संकट के संकेत हैं।
आठ अप्रैल को झामुमो के वरिष्ठ विधायक लोबिन हेंब्रम ने संवाददाता सम्मेलन करके आदिवासी हितों की रक्षा के लिए आंदोलन का ऐलान किया है। गत दिनों झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में वह सदन में धरने पर बैठकर सरकार के प्रति अपनी नाराज़गी जाहिर कर चुके हैं।
- Hemant Soren
- Jharkhand Congress