राष्ट्र प्रसन्न है। महाराष्ट्र उससे भी ज्यादा प्रसन्न है लेकिन सबसे ज्यादा प्रसन्न धृतराष्ट्र हैं। वाक्य थोड़ा गलत है, धृतराष्ट्र प्रसन्न नहीं हैं बल्कि हमेशा प्रसन्न रहते हैं। नई पीढ़ी के जो लोग धृतराष्ट्र के बारे में नहीं जानते हैं वे कुंदन शाह की फिल्म `जाने भी दो यारों’ का कालजयी अंतिम दृश्य देख लें। जो बार-बार कहता है, `ये क्या हो रहा है’ और सबकुछ अपनी आँखों के सामने होने देता है, धृतराष्ट्र वही होता है।
राष्ट्र, महाराष्ट्र और धृतराष्ट्र
- व्यंग्य
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- 29 Mar, 2025


महाभारत के पात्र धृतराष्ट्र का काल्पनिक प्रतीकात्मक फोटो
भारतीय राजनीति में इस समय धृतराष्ट्र और उसका संजय कौन है। व्यंग्यकार राकेश कायस्थ की नजर से इस धृतराष्ट्र और संजय को पहचानिए और उनके जुमलों को पढ़िएः
राकेश कायस्थ युवा व्यंग्यकार हैं। उनका व्यंग्य संग्रह 'कोस-कोस शब्दकोश' बहुत चर्चित रहा। वह 'प्रजातंत्र के पकौड़े' नाम से एक व्यंग्य उपन्यास भी लिख चुके हैं।





























