पिछले अंक से आगे...एक औसत समझ का इंसान भी यह सवाल पूछ सकता है कि आख़िर वास्तुकार और नगर योजनाकार सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का इतना विरोध क्यों कर रहें हैं। कुछ लोग इस प्रोजक्ट को रोकने के लिये सुप्रीम कोर्ट क्यों गये हैं।
सेंट्रल विस्टा: विश्व धरोहर का नाश?
- विचार
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- 20 Nov, 2020

पुराने संसद भवन की जगह पर नया त्रिकोणीय संसद भवन, कॉमन केंद्रीय सचिवालय और तीन किलोमीटर लंबे राजपथ का फिर से विकास किया जाना है। इसी को सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट नाम दिया गया है।
अगर ये क़दम दिल्ली के आधुनिकीकरण और उसकी बेहतरी के लिये है तो इसकी आलोचनाएँ क्यों हो रही हैं?
आइए, तीन पहलुओं से इसकी पड़ताल करते हैं।
सबसे पहले यह देखा जाए कि इस योजना की हिमायत में क्या कहा जा रहा है और नया सेंट्रल विस्टा कैसा नज़र आएगा।
सेंट्रल विस्टा का सबसे पहला मक़सद है प्रत्येक शासकीय कार्यालय को एक जगह पर इकट्ठा करना। इनमें उन दफ़्तरों को शामिल किया गया है जिन्हें कुछ साल पहले विकेंद्रीकरण के नाम पर वहाँ से हटाया गया था।