गत पांच जुलाई को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी के बीच बातचीत के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हालात सामान्य करने की दिशा में कुछ निर्णायक फैसले लिए गए हैं। निश्चय ही इन फैसलों को सकारात्मक दिशा में एक कदम माना जाना चाहिए। लेकिन ये फैसले भारत की यथास्थिति बहाल करने की मांग के कितने अनुरूप हैं, कहना मुश्किल है क्योंकि भारत और चीन के आला अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद यह साफ नहीं कहा गया है कि चीन पांच मई से पहले की अपनी तैनाती और सैन्य गश्ती वाली स्थिति बहाल करेगा।