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किसान आंदोलन: जस्टिस काटजू की मोदी को चिट्ठी

केंद्र सरकार के तीन नये कृषि क़ानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच चल रहे गतिरोध पर जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने प्रधानमंत्री मोदी को खुल ख़त लिखा है। उन्होंने किसानों के प्रदर्शन से होने वाली दिक्कतों को लेकर उन्हें आगाह किया है और इसलिए इस गतिरोध से बचने के लिए उन्हें एक तरकीब सुझाई है। क्या प्रधानमंत्री वह तरकीब अपनाएँगे?
जस्टिस मार्कंडेय काटजू

आदरणीय मोदी जी,

किसानों के प्रतिनिधियों और केंद्रीय सरकार के मंत्रियों के बीच अब तक बातचीत अनिर्णित रही है और अगली वार्ता 5 दिसंबर को तय की गई है।

सरकार कुछ संशोधनों पर विचार तो कर रही थी, लेकिन किसान अपनी इस माँग पर अटल लग रहे थे कि उन तीनों क़ानूनों को, जिनको सरकार लागू करना सरकार चाहती है उन्हें रद्द किया जाना चाहिए।

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किसान आंदोलन अब चिंताजनक ऊँचाइयों पर पहुँच गया है और अब हर चीज आप पर निर्भर है क्योंकि इस गतिरोध का समाधान केवल माननीय प्रधानमंत्री आप ही कर सकते हैं।

सम्मानपूर्वक, मैं आपसे एक मध्य रास्ता स्वीकार करने के लिए अपील करता हूँ (जिस पर मैंने पहले भी सुझाव दिया था) कि किसान जिन तीन क़ानूनों पर आपत्ति कर रहे हैं वे बने रहेंगे, लेकिन स्थगित रहेंगेI भविष्य में किसान संगठनों के साथ वार्ताओं द्वारा परस्पर स्वीकार्य सूत्र और पक्षों द्वारा सहमति होने पर इन क़ानूनों में उचित संशोधन किए जाएँगे, और तभी ये लागू होंगेI

यह आपके द्वारा तुरंत घोषित किया जाना चाहिएI इन क़ानूनों को निरस्त न करने से आपकी सरकार का चेहरा भी धूमिल नहीं होगा, और उन्हें लागू न करने से यह आंदोलन करने वाले किसानों की आंशिक सफलता भी होगी। इस प्रकार दोनों पक्षों को आंशिक सफलता मिलेगी।

अगर यह घोषणा नहीं की जाती तो मुझे भय है कि निकट भविष्य में आने वाले परिणाम और परिदृश्य कुछ ऐसा होगा:

1. आंदोलन करने वाले किसान, जो अपने संघर्ष को जारी रखने पर अटल हैं, दिल्ली जाने वाली सभी सड़कों को रोक देंगे (कुछ पहले से ही अवरुद्ध हैं) जिस से दिल्ली और अन्य जगहों के लोगों को भारी कष्ट और पीड़ा झेलना पड़ेगाI

2. सरकार स्वाभाविक रूप में ही इस स्थिति को अधिक समय तक बर्दाश्त नहीं कर सकती और न ही करेगी, और तब पुलिस को आदेश देगी कि वह आन्दोलनकारियों को तितर-बितर कर दे। चूँकि आंदोलनकारी स्वेच्छा से नहीं हटेंगे, अतः पुलिस बल का प्रयोग करेगी। 

justice markandey katju open letter to pm modi on farmers protest - Satya Hindi

3. अगर ऐसा होता है तो यह लाजिमी है कि पंजाब, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश में बड़े-बड़े आंदोलन शीघ्र शुरू हो जाएँगे, जिससे जनता का सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा और अन्य राज्यों में भी उसकी प्रतिक्रिया होगी जहाँ किसानों के समर्थन में अनेक लोग प्रदर्शन करेंगे।

4. इस सबका परिणाम यह होगा कि सारे देश में अव्यवस्था फैल सकती हैI अर्थव्यवस्था पहले से ही बुरी हालत में है और इससे और भी अधिक बुरी स्थिति पैदा होगी जिससे जनता को अपार कष्ट और दुःख होगाI इससे चीन को हमारे ख़िलाफ़ उग्र होने का और भी प्रोत्साहन मिलेगा। (जैसा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री के साथ अपनी हालिया बातचीत में सुझाया था।)

इन विकट परिस्थितियों में मैं देश की जनता की तरफ़ से आपसे अपील करता हूँ कि आप उपर्युक्त सुझाव की तुरंत घोषणा करें, और जनता व किसानों का संकट दूर करें।

आपका 

मार्कंडेय काटजू

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जस्टिस मार्कंडेय काटजू
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