दुनिया आज जब कोविड-19 की महामारी से जूझ रही है तब उसके पास मानवता की रक्षा के लिए जन-जन की सेवा करने वाला न कोई महात्मा गाँधी है और न ही कोई मदर टेरेसा। महामारी से संघर्ष के दौरान मनुष्य को साहस और सहारे की आवश्यकता होती है। यह साहस उन्हें उस विश्वसनीय नेतृत्व से मिल सकता है जो हमेशा मानव कल्याण को अपने निजी हितों से ऊपर रखता हो। भारत के पास महात्मा गाँधी द्वारा दक्षिण अफ़्रीका में संक्रामक महामारी का मुक़ाबला करने का समृद्ध अनुभव है।