अपने नौ वर्ष से अधिक के प्रधानमंत्रित्व काल में नरेंद्र मोदी अपने विरोधियों, आलोचकों के साथ ही अपने प्रशंसकों और भक्तों को भी संशय में डालते रहे हैं, सो सोमवार यानी 18 सितंबर, 2023 को संसद के विशेष सत्र में भी उनसे यही अपेक्षा थी। मौजूदा संसद भवन के उनके आखिरी भाषण में राष्ट्रीय आंदोलन के नेताओं के साथ देश के पंडित जवाहरलाल नेहरू का नाम आना अप्रत्याशित नहीं था, मगर उन्होंने देश के प्रथम प्रधानमंत्री को जिस तरह याद किया वह ज़रूर अप्रत्याशित था।
पीएम मोदी ने तारीफ़ की, पर नेहरू के कहे का पूरा वाक्य क्यों नहीं बोला?
- विचार
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 - 19 Sep, 2023

 

अक्सर भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की आलोचना करते रहने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब उनकी तारीफ़ क्यों की? जानिए ट्रिस्ट ऑफ डेस्टिनी के भाषण का एक अधूरा वाक्य क्यों बोला।
मोदी ने अपने लंबे भाषण में नेहरू के नाम का छह बार उल्लेख किया और हर बार सकारात्मक रूप से। इसमें सबसे उल्लेखनीय है नेहरू का 14-15 अगस्त, 1947 की रात दिया गया सुप्रसिद्ध नियति से साक्षात्कार वाला भाषण, जिसका उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘इसी सदन में पंडित नेहरू का At the Stroke of Midnight की गूंज हम सबको प्रेरित करती रहेगी।…’  
























