अब लगभग 20 साल बाद अमेरिका अफ़ग़ानिस्तान से वापस लौट गया। विश्व का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र आज किस मुद्रा में है? गालिब के शब्दों में ‘बड़े बेआबरु होकर तेरे कूचे से हम निकले।’ यदि अमेरिका की तालिबान से सांठ-गांठ नहीं होती तो काबुल छोड़ते वक़्त हज़ारों अमेरिकी मारे जाते जैसे कि 1842 में अंग्रेजों की फौज के 16000 सैनिकों में से एक के सिवाय सब मारे गए थे।
अमेरिका के छोड़े हथियारों के ज़खीरे से अफ़ग़ान शांति पर संकट!
- विचार
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- 1 Sep, 2021

अमेरिकी वापसी के बाद भी अफ़ग़ानिस्तान में शांति की उम्मीद कम क्यों दिखाई देती है? आख़िर क्यों कई गुटों में भिड़ंत की आशंका है? हथियारों का जो ज़खीरा अमेरिकी अपने पीछे छोड़ गए हैं, क्या वह कई नए हिंसक गुट नहीं पैदा कर देगा?
अब तालिबान का ताज़ा बयान है कि काबुल हवाई अड्डे पर 13 अमेरिकी इसलिए मारे गए कि वे विदेशी थे। विदेशी फौज की वापसी के बाद खुरासान गिरोह इस तरह के हमले क्यों करेगा? यदि ऐसा हो जाए तो क्या बात है। लेकिन मुझे नहीं लगता कि अब अमेरिकियों के चले जाने के बावजूद इस तरह के हमले बंद हो जाएंगे।