राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया मोहन भागवत ने मुंबई की एक सभा में कहा कि मुसलमान नेताओं को कट्टरपंथियों के ख़िलाफ़ दो-टूक रवैया अपनाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह ऐतिहासिक सत्य है कि भारत में इसलाम विदेशी हमलावरों की वजह से आया है। लेकिन उन्होंने साथ-साथ यह भी कहा कि सारे भारतीयों का डीएनए एक ही है। हम सबके पूर्वज एक ही हैं। हम सब भारतमाता की ही संतान हैं। जिसकी मातृभूमि भारत है, वह हिंदू है। उसकी जाति, भाषा, रंग-रूप और मजहब चाहे जो हो। वास्तव में मोहन भागवत ने हिंदू शब्द की यह जो परिभाषा की है, यह उदारतापूर्ण तो है ही, विदेशियों की दृष्टि में यह पूर्ण सत्य भी है।
भारत के मुसलमान भी हिंदू ही हैं?
- विचार
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- 8 Sep, 2021

यह ठीक है कि हिंदू की यह व्यापक और उदार परिभाषा सावरकर को स्वीकार नहीं होगी, क्योंकि उन्होंने अपने प्रसिद्ध ग्रंथ ‘हिंदुत्व’ में लिखा है कि हिंदू वही है, जिसकी पितृभूमि और पुण्यभूमि, दोनों ही भारत हो अर्थात भारतीय मुसलमानों की पुण्यभूमि मक्का-मदीना और ईसाइयों की रोम है तो वे हिंदू कैसे कहला सकते हैं?