चुनाव आयोग ने चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के विधानसभा चुनाव का जो कार्यक्रम घोषित किया है, उससे एक बार फिर जाहिर हुआ है कि केंद्र सरकार ने अन्य संवैधानिक संस्थाओं की तरह चुनाव आयोग की स्वायत्तता का भी अपहरण कर लिया है। इसलिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा अन्य विपक्षी नेताओं का घोषित हुए चुनाव कार्यक्रम पर बिफरना और चुनाव आयोग की नीयत पर सवाल उठाना स्वाभाविक ही है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा अन्य विपक्षी नेताओं का घोषित हुए चुनाव कार्यक्रम पर बिफरना और चुनाव आयोग की नीयत पर सवाल उठाना स्वाभाविक ही है।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा द्वारा शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स में जारी किए गए 62 दिन लंबे चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक तमिलनाडु, केरल पुडुचेरी में एक ही चरण में सभी सीटों के लिए मतदान होगा, जबकि पश्चिम बंगाल में आठ और असम में तीन चरणों में मतदान होगा। सभी राज्यों के चुनाव नतीजे 2 मई को आएंगे।