मोहम्मद सिराज या फिर कप्तान विराट कोहली के सिराज मियां आज लॉर्ड्स टेस्ट की जीत के बाद सबसे बड़े हीरो उनकर उभरें हैं। तो क्या हुआ यदि सिराज को क्रिकेट के मक्का में पूरे मैच में 8 विकेट लेने के बावजूद मैन ऑफ़ द मैच का ख़िताब ना मिला… तो क्या हुआ यदि सिराज इस टीम के सबसे कम अनुभवी गेंदबाज़ हैं… सबसे बड़ी और अहम बात ये है कि सिर्फ 7 मैचों के छोटे से टेस्ट करियर में हैदराबाद के इस गेंदबाज़ ने वर्ल्ड क्लास गेंदबाज़ के तौर पर खुद को साबित किया है।
हिंदुस्तान के सिराज मियां की बात ही कुछ और है!
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- 18 Aug, 2021

मेरी पीढ़ी को हमेशा इस बात की कसक रहती थी कि भारत में ऐसे गेंदबाज़ क्यों नहीं पैदा होते हैं। नई सदी का भारत न सिर्फ सिराज जैसे चैंपियन गेंदबाज़ पैदा कर रहा है बल्कि अब उसका पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान भी ये सोचकर हैरान हो रहा है कि पाक की ताक़त तेज़ गेंदबाज़ी में भी भारत उन्हें कैसे मात दे रहा है।
जसप्रीत बुमराह से पहले इरफान पठान उन चुनिंदा युवा गेंदबाज़ों में से एक रहे हैं जो आते ही टेस्ट क्रिकेट में छा गये। आम-तौर पर किसी भी गेंदबाज़ को टेस्ट क्रिकेट के व्याकरण से रूबरु होने में ही 8-10 टेस्ट निकल जाया करते हैं जिसे अधिकतर कोच और एक्सपर्ट ‘लर्निंग कर्व’ यानी सीखने का दौर कह कर रियायत दे देते हैं।