‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’(RSF) संस्था द्वारा जारी किए जाने वाले विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक-2022 में भारत को 180 देशों के सामने 150वां स्थान मिला था। भारत में प्रेस स्वतंत्रता में यह निम्नस्तर अचानक नहीं आया। भारत 2016 में मिले 133वें स्थान से लगातार नीचे गिरता रहा। 2018 में 138वां, 2019 में 140वां, 2020 और 2021 में 142वां स्थान यह बताने में सक्षम हैं कि भारत में प्रेस की आजादी पर निरन्तरता के साथ प्रहार हो रहा है। RSF की 2022 में आई रिपोर्ट में यह कहा गया कि भारत पत्रकारों के लिए दुनिया के सबसे खतरनाक स्थानों में से एक है। 2021 में भारत उन तीन देशों में शामिल था जहां दुनिया भर में सबसे ज्यादा पत्रकारों की हत्या हुई थी। फ्रीडम हाउस संस्था द्वारा जारी किए जाने वाले आँकड़े के अनुसार भारत नागरिक स्वतंत्रता के मामले में इतना पीछे है कि इसे ‘आंशिक रूप से मुक्त’ देश के रूप में ही चिन्हित किया जा सका।
क्या प्रेस की आजादी और RTI को खोखला कर रही है सरकार?
- विमर्श
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- 29 Mar, 2025

भारत में प्रेस की आजादी खतरे में है। इसमें अब कोई दो राय नहीं है। हाल ही में मीडिया वन चैनल के संबंध में सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया है, उससे यह बात शीशे की तरह साफ हो गई है। अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं पहले ही भारती मीडिया की आजादी को लेकर चिन्ताजनक बताया है। वरिष्ठ पत्रकार वंदिता मिश्रा ने अपने कालम में विभिन्न पहलुओं से इस मुद्दे को उठाया है।