2018 में लैन्सेट जर्नल में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग 24 लाख भारतीय प्रतिवर्ष सिर्फ इसलिए मर जाते हैं क्योंकि उन्हे खराब स्वास्थ्य सेवाएं मिलती हैं! जबकि प्रतिवर्ष 8 लाख से अधिक भारतीय स्वास्थ्य सेवाओं की अपर्याप्तता की वजह से मर जाते हैं। खराब और अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं आर्थिक असमानता का पैमाना हैं। इसीलिए राजस्थान सरकार द्वारा लाया गया ‘स्वास्थ्य का अधिकार’ कानून एक युगांतरकारी कदम हैताकि बेहतर स्वास्थ्य के रास्ते में आने वाली आर्थिक असमानता को कम से कम किया जा सके।
‘स्वास्थ्य का अधिकार’ कानून राजस्थान ही नहीं पूरे भारत की जरूरत!
- विमर्श
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- 29 Mar, 2025

स्वास्थ्य का अधिकार कानून राजस्थान में लागू करने पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) को मिर्च लग रही है। आम जनता की सेहत पर प्राइवेट अस्पतालों का एकाधिकार खत्म होने का डर सता रहा है। ऐसे कानून को देशभर में लागू करने की जरूरत है। आईएमए और प्राइवेट अस्पतालों के एकाधिकार के खिलाफ कब आवाज उठेगी। वंदिता मिश्रा ने जो मुद्दा इस लेख में उठाया है, राजनीतिक दलों को भी उसे अपना मुद्दा बनाना चाहिए।