सोमवार की सुबह बिहार की राजनीति में एक खेला हुआ। लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान के ख़िलाफ़ बग़ावत से। मगर बिहार में इससे कहीं बड़े खेला की चर्चा चल रही है। यह दूसरा खेला है नीतीश कुमार सरकार के बारे में जो तलवार की धार पर चल रही है।
पटना से लगभग 90 किलोमीटर दूर दक्षिण सेनारी में 18 मार्च 1999 को हुए नरसंहार में निचली अदालत से सजायाफ्ता एक दर्जन से अधिक लोगों को बीते शुक्रवार को पटना हाई कोर्ट ने बरी कर दिया।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने अपने ताजा बयान में कहा है कि कोविड के दूसरे दौर में अब तक 244 डॉक्टरों की जान चली गयी है। इसमें सर्वाधिक 78 डाॅक्टर बिहार के हैं।
दुनिया भर में अपनी 21 हज़ार अमूल्य पांडूलिपियों के लिए मशहूर खुदाबख्श खां ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी को अपनी वजूद की लड़ाई लड़नी पड़ रही है। इसलिए कि उसके सामने से होते हुए एक एलिवेटेड सड़क बननी है।
बिहार के मधुबनी में 29 मार्च को होली के दिन तीन सहोदर भाइयों समेत एक ही विस्तारित परिवार के पांच लोगों की हत्या नीतीश कुमारसरकार के लिए गंभीर सवाल बनकर खड़ी हुई है।
अजान से नींद में खलल पड़ने या इससे शोर होने की शिकायत जिस अंदाज में हाल के दिनों में सामने आयी है, उससे यह सवाल उठना लाजिमी है कि समस्या लाउडस्पीकर है या इसके बहाने अजान को निशाने पर लिया जा रहा है।
उत्तर बिहार के प्रमुख शहर मुजफ्फरपुर के साहेबगंज थाने में पड़ने वाले एक गाँव में तीन जनवरी को एक किशोरी के साथ रेप किया गया और फिर उसी घर में उसे ‘ज़िंदा जलाकर मार दिया गया’।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बेटे तेज प्रताप से अपनी बेटी के तलाक़ विवाद के कारण चर्चित जदयू नेता चंद्रिका राय ने कहा कि दोस्त पीठ में छुरा घोंपता रहा और हम हंसते रहे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2005 से बीजेपी के साथ सरकार चला रहे हैं लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि सरकार के गठन के इतने दिनों के बाद भी कैबिनेट का विस्तार नहीं हो पा रहा है।
पटना में जनता दल यूनाइटेड की दो दिनों की बैठक के बाद नीतीश कुमार का जो बयान सामने आया है उसमें अरुणाचल प्रदेश की घटना का दर्द साफ़ झलक रहा है। क्या बिहार की राजनीति में कुछ नया होने वाला है?
अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लगता है कि अपराधियों में कानून का भय और रात्रि गश्ती बढ़ाने की ज़रूरत है तो यह सोलहवें साल में पहुंचे उनके शासन काल पर एक गंभीर सवाल है।
कुछ लोग ओवैसी पर बीजेपी से पैसे लेने का आरोप भी लगाते हैं लेकिन जब उनसे यही बात सार्वजनिक रूप से बोलने को कहा जाता है तो वे पीछे हट जाते हैं। इस तरह के आरोपों से ओवैसी के समर्थक बढ़ते हैं।
पंद्रह साल तक पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार के साथ सत्ता की दोपहिया पर सवार नीतीश कुमार ने सोमवार को सातवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो यह वाहन तिपहिया में बदल गया।
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में राष्ट्रीय जनता दल ने 144 सीटों पर लड़कर सर्वाधिक 23.1 प्रतिशत मत प्राप्त किये और इसे सर्वाधिक 75 सीटें मिली हैं। दूसरी ओर महज एक सीट पीछे रही बीजेपी ने 110 सीटों पर चुनाव लड़कर 19.5 प्रतिशत वोट के साथ 74 सीटें जीती हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के तीसरे चरण में विकास और जातीय समीकरण सीमांचल की वोट चर्चा के अहम हिस्सा नज़र आते हैं लेकिन बदलाव की चाहत इन पर भारी दिखती है।