कोरोना वायरस का असर फेफड़े ही नहीं, बल्कि किडनी पर भी घातक हो रहा है। यानी कोरोना के गंभीर मरीज़ों को बचाने में सिर्फ़ वेंटिलेटर ही काफ़ी नहीं है, बल्कि अब किडनी की डायलिसिस मशीन की भी उतनी ही ज़रूरत है। अब तक इस पर ज़ोर रहा था कि गंभीर स्थिति में वेंटिलेटर ही काफ़ी महत्वपूर्ण होता है। फ़िलहाल, कोरोना मरीज़ों में किडनी फ़ेल होने के मामले काफ़ी ज़्यादा आ रहे हैं और अमेरिका किडनी की डायलिसिस मशीनों की कमी के गंभीर संकट का सामना कर रहा है।
कोरोना: फेफड़े ही नहीं किडनी पर भी घातक असर, डायलिसिस मशीन की कमी का संकट
- स्वास्थ्य
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- 20 Apr, 2020

कोरोना मरीज़ों में किडनी फ़ेल होने के मामले काफ़ी ज़्यादा आ रहे हैं और अमेरिका फ़िलहाल किडनी के डायलिसिस मशीनों की कमी के गंभीर संकट का सामना कर रहा है।
किडनी ख़राब होने की स्थिति में डायलिसिस मशीन किडनी का काम करती है। किडनी की तरह ही यह ख़ून से टॉक्सिन यानी विषाक्त पदार्थों को साफ़ करती है। इसके साथ ही इलेक्ट्रोलाइट्स सहित ख़ून में मौजूद दूसरी जीचों को संतुलित करती है, रक्तचाप को नियंत्रित रखती है और अतिरिक्त तरल पदार्थ को हटाती है। जब तक किडनी ठीक न हो जाए तब तक डायलिसिस का उपयोग कुछ समय के लिए किया जाता है या फ़िर किडनी ख़राब होने की स्थिति में इसका इस्तेमाल लंबे समय तक किया जाता है।