loader

महंगाई सभी भारतीयों पर एक तरह का टैक्स हैः राहुल

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर महंगाई को लेकर फिर हमला बोला है। 10 मार्च को कांग्रेस के लिए आये विपरीत चुनाव नतीजों के बावजूद राहुल ने मोदी सरकार की आलोचना छोड़ी नहीं है।राहुल ने शनिवार को एक ट्वीट में कहा, मुद्रास्फीति (महंगाई) सभी भारतीयों पर एक टैक्स है। रिकॉर्ड मूल्य वृद्धि ने यूक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले ही गरीबों और मध्यम वर्ग को कुचल दिया था। यह और बढ़ेगा: - क्रूड (ऑयल)> 100 डॉलर / बैरल - खाद्य कीमतों में 22 फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीद, कोविड ग्लोबल सप्लाई चेन को बाधित करेगा। भारत सरकार को अब कार्रवाई करनी चाहिए। लोगों की रक्षा करें।

ताजा ख़बरें
इससे पहले मंगलवार को, उन्होंने भविष्य निधि (पीएफ) दर में कटौती को लेकर भी राहुल ने केंद्र पर निशाना साधा था। यह एक ऐसा मुद्दा है, जिसे कई विपक्षी नेताओं ने उठाया है। राहुल ने उस समय कहा था कि सरकार की ग़लत नीतियों का परिणाम आम नागरिक झेल रहा है: एफडी 5.1% पीपीएफ 7.1% और ईपीएफ 8.1% । खुदरा महंगाई दर 6.07%। थोक महंगाई दर 13.11% । जनता को राहत देने की ज़िम्मेदारी क्या सरकार की नहीं है?

बहरहाल, कुल मिलाकर महंगाई के मोर्चे पर हालात ठीक नहीं हैं। यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के कारण कच्चे तेल की कीमत 113 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई है। यह कीमत जून, 2014 के बाद से सबसे ज्यादा है। 

निश्चित रूप से जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आता है तो उससे भारत में भी पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते हैं।
भारत अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा तेल का उपभोक्ता देश है। भारत दुनिया के 40 देशों से अपनी जरूरत का 85 फीसद तेल मंगाता है।

आर्थिक मामलों के जानकार नरेंद्र तनेजा ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि भारत की  विकास दर 8 से 8.5 फीसद रहने का अनुमान इस आधार पर था कि तेल की कीमतें 70 से 75 डॉलर प्रति बैरल पर रहेंगी। उन्होंने कहा कि तेल की कीमतें 68 से 70 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा होना हमारी अर्थव्यवस्था के लिए एक बुरी खबर है।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का एक आकलन है कि अगर यूक्रेन संकट आगे भी जारी रहता है तो भारत के खजाने पर एक लाख करोड़ रुपए का भार पड़ सकता है। निश्चित रूप से कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन की मार झेल चुके भारत को अब रूस यूक्रेन युद्ध की मार झेलने के लिए भी तैयार रहना होगा।

एसबीआई के एक नोट में कहा गया है कि यदि यूक्रेन संकट के बीच कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल पर भी बरकरार रहती है तो महंगाई 52 से 65 बेसिस प्वाइंट बढ़ जाएगी। मतलब आम लोगों का जीना और मुश्किल हो जाएगा। लेकिन यहां तो कच्चे तेल की कीमत 113 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई हैं। यूक्रेन-रूस युद्ध रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है।केंद्र सरकार भी जानती है कि अगर एक साथ पेट्रोल डीजल की कीमतों में इजाफा कर दिया गया तो जनाक्रोश फूट जाएगा। भारत में लोग कई महीनों तक 100 रुपए से ज्यादा महंगा पेट्रोल और इस भाव के आसपास डीजल अपने वाहनों में डलवा चुके हैं।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें