कोरोना वायरस और उसके कारण लगे लाॅकडाउन ने ज़्यादातर उद्योगों का बंटाधार कर दिया है। लेकिन रिलायंस समूह की कंपनी जियो इसका सबसे बड़ा अपवाद है। लाॅकडाउन शुरू होने के कुछ ही समय बाद रिलायंस की संचार कंपनी जियो प्लेटफाॅर्म्स में विदेशी निवेश की जो बारिश शुरू हुई, वह अब तक जारी है।

चिप बाज़ार के कई मोर्चों पर इंटेल और क्वालकाॅम के हित एक दूसरे से टकराते रहे हैं, लेकिन जियो में ये दोनों ही अपने हित देख रही हैं। यह सारे निवेश सिर्फ भारत में हमारे लिए ही बड़ी खबर नहीं हैं, बल्कि दुनिया भर में इन्हें सुर्खियाँ मिली हैं। क्या है मामला, बता रहें हैं वरिष्ठ पत्रकार हरजिंदर।